7/7/14

मानसी इन वंडर लैड


लम्बे बालों की कस के बांधी दो चोटियों के साथ सादा सा सलवार सूट और कोट पहिने हुए, मानसी ने जैसे ही कम्प्यूटर क्लास में प्रवेश किया, जेम्स ने जोर से सीटी बजा कर रिमार्क दिया-.


“वेलकम, अगर मै गलत नहीं हूँ तो ये नमूना ज़रूर किसी अजायब घर से आया है.”जेम्स की बात पर क्लास में ठहाके गूँज उठे.

“मेरे ख्याल से अ पोनी विद टू टेळ जयादा ठीक है.” मारिया ने व्यंग्य से कहां.

मानसी को अमरीका आए हुए एक सप्ताह ही हुआ था. माँ की विनती पर अमरीका में रहने वाले चचेरे चाचा ने दया कर के मानसी को अपने यहाँ आश्रय देने की कृपा की थी. तीव्र मेधा और हर परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाली मानसी के पिता को अपनी मानू बेटी पर गर्व था. कम्प्यूटर सांइंस में बी टेक में अच्छे अंक पाने पर उसके पापा ने निश्चय कर लिया-


“अपनी बेटी को कम्प्यूटर में पोस्ट ग्रेज्युएशन करने अमरीका भेजूंगा. मुझे पूरा विश्वास है, वहां भी यह अव्वल नंबर पर रहेगी.”

“क्यों लड़की को झूठे सपने दिखा रहे हो? लड़की की जात है दो चार साल में शादी के बाद पराए घर चली जाएगी. पढने के लिए क्या अमरीका ही रह गया है?माँ रोष दिखाती.

“अरे कमला तुम अपनी बेटी को साधारण मत समझो, मेरी बेटी ही मेरा नाम रौशन करेगी. इसे तो अमरीका ज़रूर जाना है, यह मेरी ज़िंदगी का सपना है. जिस बेटे पर आस लगाए बैठे थे, वह तो खंदान पर कलंक लगा कर कहीं भाग गया. अब मेरी मानू ही मेरे सपने पूरे करेगी.


भाई का घर से अचानक भाग जाना एक ऎसी दुखद घटना थी जिसने पूरे परिवार को तोड़ दिया, पर मानसी के पापा ने अपने को सहेज, मानसी पर ही अपना पूरा ध्यान केन्द्रित कर दिया था. हल्के सांवले रंग के साथ आकर्षक नयन नक्श वाली मानसी की बुद्धि- प्रदीप्त आँखे अनायास ही दूसरों को आकृष्ट कर लेती थी, पापा की तरह मानसी ने भी अमरीका के सपने देखने शुरू कर दिए थे. पर जो सोचा जाए वो हमेशा पूरा ही तो नहीं होता.

पिता की आकस्मिक मृत्यु ने मानसी और उसकी माँ को जीवन की कटु वास्तविकता से परिचित करा, उन्हें स्तब्ध कर दिया. उदार पिता ने खुले हाथों दूसरों की सहायता कर के यश ज़रूर पाया, पर अपने परिवार के लिए कुछ नहीं छोड़ गए थे. अपनी स्थिति समझ कर मानसी ने भारत में ही कम्प्यूटर सांइंस में एम् टेक करने का निश्चय किया, पर कमला को पति का अंतिम सपना याद हो आया. जो भी हो जाए मानसी के पिता की आखिरी इच्छा वह ज़रूर पूरी करेगी. सबसे बड़ी समस्या अमरीका के कॉलेज में पढाई के लिए भारी फीस की थी, मानसी के अच्छे परिणाम के कारण एडमीशन तो होगया, पर एप्लीकेशन देर से पहुँचने के कारण स्कॉलरशिप नहीं मिल सकी थी. मानसी के भारतीय प्रोफ़ेसर को यकीन था, मानसी जैसी मेधावी लड़की एक बार अमरीका पहुंच जाए तो उसे स्कॉलरशिप ज़रूर मिल जाएगी. मानसी के बार-बार मना करने पर भी माँ नहीं मानी, अपना घर गिरवी रख कर मानसी का अमरीका का टिकट ले ही लिया. अमरीका में रहने के लिए देवर का सहारा मिल ही गया था. अपने इसी चचेरे भाई को अमरीका भेजने के लिए मानसी के पापा ने बहुत बड़ी धनराशि दी थी.

अमरीका पहुंची मानसी को एक और वास्तविकता का सामना करना पड़ा, चाचा के घर उसे अनचाहे मेहमान की तरह स्वीकार किया गया था. चाची ने साफ़ शब्दों में जता दिया-

“यहाँ जो भी रहता है, बदले में उसे घर के कामों में हाथ बंटाना पड़ता है. ये हिन्दुस्तान नहीं है, जहां घर में काम करने के लिए दाई या नौकरानी आती है. मै अकेली सारे काम कैसे कर सकती हूँ. जब रहने और खाने वाले बढेगे तो काम भी तो बढेगा.”


“जी चाची जी, मेरी वजह से आपको कोई तकलीफ नहीं होगी. आप जो कहेंगी करूंगी.”कमरे में आते ही मानसी की आँखों से आंसू बह निकले. माँ का प्यार और दुलार याद हो आया. ये वही चाचा –चाची हैं जो उसके उदार पिता के कारण अमरीका में सुख भोग रहे हैं.

आज कॉलेज आते समय उसका दिल धड़क रहा था, पर उसे अपनी क्षमता पर पूरा विश्वास था. उसे अपने पिता का सपना और माँ के त्याग को सत्य सिद्ध करना है. मानसी क्लास में समय से पूर्व पहुँच गई थी. अभी प्रोफ़ेसर क्लास में नहीं आए थे जेम्स और मारिया के रिमार्कस से अविचिलित मानसी ने अपने बैठने के लिए क्लास- रूम पर दृष्टि डाली. क्लास में अमरीकी लड़के लड़कियों के अलावा कुछ बाहर से आए स्टूडेंट्स थे. उसे चारों और नज़र दौडाते देख एक लड़की ने पुकारा था-

“कम हियर. तुम मेरे साथ बैठ सकती हो.”

“थैंक्स, मै एक वीक पहले ही इंडिया से आई हूँ. मेरा नाम मानसी है, पर सब मुझे मानू पुकारते हैं. आपका नाम जान सकती हूँ?”मानसी ने शान्ति से अंग्रेज़ी में कहा.

“मै जेनिफर हूँ, सब मुझे जेनी कहते हैं. तुम जेम्स और मारिया की बातें माइंड मत करना, जेम्स की आदत है सबको परेशान करता है. बड़े बाप का बेटा है, इसलिए मारिया जैसे कुछ स्टूडेंट्स उसका साथ देते हैं. ठहरो, मै तुम्हारा परिचय सबसे कराती हूँ.”

“गाईज़, मीट अवर न्यू कुलीग, मानसी उर्फ़ मानू, जेम्स फॉर योर काइंड इन्फौर्मेशन मानू किसी अजायब घर से नहीं इंडिया से आई है, प्लीज् माइंड योर लैंग्वेज.”

’“ओके जेनी, अब मुझे भी मिज़ मानू से इंडिया के बारे में कुछ जानकारी लेने की तो परमीशन है?”

अपनी बात खत्म करता जेम्स मानसी के सामने आकर बैठ गया.

"सुना है, इंडिया में लोग ब्लैक मैजिक जानते हैं। अपने मैजिक से वो आदमी को बंदर बना देते हैं। हिंदुस्तान क्या सांप और बंदरों का देश है?”जेम्स ने शरारती अंदाज़ में पूछा.

जेम्स की बात पर पूरा क्लास हंस पड़ा, पर मानसी ने शांति से कहा- -

आप तो कम्प्यूटर- सांइंस के स्टूडेंट हैं, इंटरनेट पर इंडिया के बारे में पढ लीजिए। आप जान जाएंगे हिंदुस्तान कैसा देश है। वैसे तो डार्विन की थियोरी के अनुसार हम सभी के पूर्वज बंदर ही थे।“

“एक बात तो एक माननी पड़ेगी, मानू बहुत इंटेलिजेंट है। जेम्स ने मानसी को प्रोवोक करना चाहा, पर उसने क्या मार्के का जवाब दिया है।“जेनी ने मानसी की तारीफ़ की।

“मानसी, तुम कम्प्यूटर सांइंस की पढाई करने अमरीका आई हो, पर अब तो भारत भी तकनीकी क्षेत्र में बहुत आगे है। तुम अपने देश में भी यही कोर्स कर सकती थीं। माइकेल ने सवाल किया.


“बचपन से मेरा सपना था, अमरीका की किसी अच्छी यूनीवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन करूं। मेरे पापा भी यही चाहते थे। उनका सपना पूरा करने को मैं यहां आई हूं।“इतना कह कर मानसी चुप हो गई.

मानसी यह देख कर आश्चर्य में पड़ गई कि क्लास में प्रोफ़ेसर विन्सेंट के प्रवेश पर भी स्टूडेंट्स उनके आदर में खड़े नहीं हुए बल्कि जेम्स तो टेबिल पर पैर रखे मज़े से कोक पीता रहा. प्रोफ़ेसर ने सबका परिचय ले कर पढ़ाना शुरू किया. मानसी पूरे ध्यान से प्रफेसर का लेक्चर सुन रही थी और कुछ नोट भी करती जा रही थी. थोड़ी देर में ही जेम्स और उसके दो-तीन साथी क्लास छोड़ कर बाहर चले गए. उसके साथ मारिया भी गई थी. उनके बाहर जाने पर भी प्रोफ़ेसर ने कोई प्रतिक्रिया ज़ाहिर नही की और पहले की तरह से ही लेक्चर देते रहे.

क्लास के बाद विस्मित मानसी ने जेनी से पूछा-

“यहाँ प्रोफ़ेसर का क्लास छोड़ कर बाहर जाने पर प्रोफ़ेसर को कोई ओब्जेक्शन नहीं होता?”

“नहीं, यह स्टूडेंट की अपनी रिस्पौन्सिबिलिटी है, वैसे सेमेस्टर के काम पर मार्क्स मिलते हैं. जेम्स बेहद शरारती और केयरफ्री होने के बावजूद बहुत इंटेलिजेंट है. इसी लिए प्रोफ़ेसर को उससे शिकायत नहीं होती. जो लड़की जेम्स के साथ बाहर गई थी, वह मारिया है और जेम्स की ख़ास दोस्त है.”

मानसी की समझ में आ गया भारत और अमरीका में बहुत अंतर है और उसे इस अंतर को समझना है और उसके अनुरूप अपने को ढालना होगा. घर में चाची का रूखा व्यवहार उसे आहत करता, पर अपनी स्थिति को माँ से छिपाए रखती. घर का बहुत सा काम उसके जिम्मे आ गया था. काम खत्म कर के वह दिन भर पढाए गए लेसन दोहराती. क्लास में जो प्रॉब्लेम दी जातीं, उन्हें सॉल्व करती. इतना ज़रूर था कठिन से कठिन प्रॉब्लेम भी वह जल्द ही सॉळ्व कर लेती. जेनी के साथ उसकी अच्छी मित्रता हो गई थी. अक्सर जेनी प्रॉब्लेम सॉल्व करने में मानसी की सहायता लेती. जेनी मानसी की बुद्धि से चमत्कृत होती. देर रात तक बत्ती जलाए रखने पर मानसी को चाची की बातें भी सुननी पडतीं, पर मानसी के पास और कोई विकल्प भी नहीं था. कभी-कभी चाची के डर से मोमबत्ती की हलकी रोशनी में पढाई करती मानसी की आँखे भर आतीं. अमरीका आकर व्यक्ति कितने स्वार्थी और व्यावहारिक हो जाते हैं, चाचा-चाची इस बात के उदाहरण थे.

अभी तक मानसी को स्कॉलरशिप नहीं मिल सकी थी. उसके आवेदन पर हेड ने उससे कहा था, यदि मानसी को सेमेस्टर में प्रथम स्थान मिले या बहुत अच्छे नंबर आएं तो वह छात्रवृत्ति की हकदार हो सकती है. अपने साथ लाए सीमित पैसों को मानसी बहुत सोच-समझ कर खर्च करती. रोज़ बस से आने-जाने में उसका काफी समय बर्बाद हो जाता, पर दूसरा कोई उपाय भी नहीं था. वह सोचती अगर उसे आर्थिक सहायता नहीं मिली तो पढाई के साथ उसे कोई पार्ट-टाइम जॉब ढूंढना होगा. जेनी को मानसी के साथ सहानुभूति थी.‘

“मानू, बस में क्लास के लिए आने-जाने में तेरा बहुत समय व्यर्थ जाता है, अमरीका में अपने पास कार या बाइक होने से बहुत आसानी होती है। अगर तुम ड्राइविंग जानती हो तो तुम कोई पुरानी कार खरीद सकती हो। इसके अलावा तुम चाहो तो कही पास में किसी लड़की के साथ अपार्ट्मेंट शेयर कर सकती हो। तू कहे तो मै किसी लड़की से बात करूं, तेरा बहुत समय बच जाएगा.”

“थैंक्स, जेनी। मुझे तकलीफ़ सहने की आदत है। मैं एक परिचित फ़ैमिली के साथ रहती हूं। तुम जानती हो, मुझे फ़ाइनेन्शियल- एड नहीं मिलती है। मै अभी कार अफ़ोर्ड नहीं कर सकती। अभी मै अपार्टमेंट भी शेयर करने की स्थिति में नही हूँ. तुम परेशान मत हो।“इतना कह कर मानसी चुप हो गई, पर चेहरे पर उदासी थी।

मानसी क्लास में शांत रहती, अगर किसी ने कोई बात पूछी तो जवाब दे देती, पर अपनी ऑर से किसी के साथ बात नही करती. अक्सर वह जैसे कहीं खो सी जाती, चेहरे पर उदास छाया तैर जाती.

“गईज़, ये लड़की मानसी इतनी चुप कैसे रहती है. ऐसा लगता है जैसे किसी अनजानी दुनिया में आकर खो गई है.”हेनरी ताज्जुब करता.

‘”लगता है इसकी हंसी कोई डेविल ले गया है. आई हेट सच गर्ल्स. इसे तो वापस इंडिया ही पैक कर के भेजना अच्छा होगा.”जेम्स मुंह बना कर कहता.

“लगता है, तुझे इस लड़की से डर लगता है, कहीं अपने ब्लैक मैजिक से तुझे बंदर न बना दे. आखिर इंडिया से आई है, ब्लैक मैजिक जानती होगी. रॉबिन ने मज़ाक किया.

“शट अप. ऎसी बात कहने की तेरी हिम्मत कैसे हुई? इस ब्लैक कैट (काली बिल्ली ) की मजाल जो मेरे पास भी फटक सके,”.जेम्स का चेहरा गुस्से से लाल हो गया.

“नाराज़ क्यों होता है, मै तो मज़ाक कर रहा था, उस दिन तूने ही कहा था इंडिया के लोग काला जादू जानते हैं. वैसे उसे काली बिल्ली कहना बिलकुल गलत है मुझे तो ये लड्की बड़ी चार्मिंग लगती है. आई लव हर कॉफी कलर. इसी कलर के लिए तो हम कितनी सन-टैनिंग करते हैं.”रॉबिन ने कहा.

“कॉफी कलर या कडवा टेस्ट?”जेम्स चिढ गया.

“मुझे तो यह भोली सी लड़की “ गर्ल इन अ वंडर लैंड “ लगती है. इसी लिए ऎसी खोई-खोई सी रहती है.” साइमन ने अपने मन की बात कही..”

“अरे वाह क्या नाम दिया है, अब हम उसे तेरे दिए नाम से ही पुकारेंगे ”गर्ल इन वंडर लैंड”, तू तो जीनियस है, साइमन.” हेनरी ने सहमति में खुशी ज़ाहिर की.

“ओह गॉड , हम उस फालतू काली बिल्ली के बारे में बात कर के अपना टाइम क्यों वेस्ट कर रहे हैं. लेट्स गो, जेम्स हमें जाना है.”अब तक चुप खड़ी मारिया से अब नहीं रहा गया.


उस रात भारी स्नो-फाल हुआ था सवेरे उठी मानसी घर के बाहर बिछी बर्फ की सफ़ेद चादर देख कर खुश हो गई. उसने जीवन में पहली बार ज़मीन पर इतनी स्नो देखी थी. क्लास के लिए तो जाना ही था. न जाने क्या सोच कर चाचा ने कहा-

“मानू, शायद स्नो के कारण आज तुझे बस स्टैंड तक जाना कठिन होगा, मै कार से छोड़ दूंगा, पर कुछ जल्दी चलना होगा. तू तैयार है ना?”

“जी चाचा जी” चाचा के इतने से कंसर्न पर ही मानसी की आँखें भर आईं.

क्लास के सामने काफी स्नो जमा थी. बाहर साथ के लड़के स्नो की बॉल बना कर एक-दूसरे पर फ़ेंक कर खेल रहे थे. स्नो पर चलने का अभ्यास न होने की वजह से मानसी का पाँव बर्फ पर फिसल गया. मानसी के गिरते ही साइमन, हेनरी और दूसरे लड़के उसे उठने में मदद करने के लिए आ गए. उठती हुई मानसी के चेहरे पर संकोच की लालिमा छा गई.

“सौरी, मुझे स्नो पर चलने की प्रैक्टिस नहीं है. थैंक्स फॉर योर हेल्प.”

“इट्स ओके, मै भी कई बार गिर चुका हूँ.”साइमन ने उसका संकोच दूर करना चाहा.

“अरे अगर इसके पास स्नो बूट्स के लिए पैसे नहीं हैं तो मै डोनेट कर दूं?”जेम्स ने मानसी के मामूली सैंडळ देख कर टॉंट किया.

“नो थैंक्स, किसी से भीख लेने की जगह मैं बार-बार गिर कर उठना पसंद करूंगी.”अपमान से मानसी की आँखें जल उठीं. जेम्स अवाक् रह गया.


“जेम्स अपने को समझता क्या है, तेरी इंसळ्ट करने की उसकी हिम्मत कैसे हुई. अपने फादर की अमीरी पर सबको नीचा दिखाता है. अभी जाकर उसकी खबर लेती हूँ.” पूरी बात सुन कर जेनी नाराज़ हो गई.

“नहीं जेनी, शायद उसकी बात में कुछ सच्चाई ज़रूर है. यहाँ तो अक्सर स्नो-फाल होगा, मुझे स्नो-बूट्स खरीदने ही होंगे. तुझे तो पता होगा बूट कितने डॉळर में मिलेंगे.”संकोच से मानसी ने पूछा.

“एक बात कहूं, मुझे गलत तो नहीं समझेगी.”

“नहीं जेनी, तू ही तो मेरी सच्ची दोस्त है, तेरी बात में ज़रूर मेरी भलाई होगी.”

“देख आजकल कई जगह सेल चल रहा है. एक दूकान में आधे दामों पर जूते मिल रहे हैं. यहाँ ज़्यादातर लोग ऐसे ही सेल का इंतज़ार करते हैं. अगर तू चाहे तो मै तेरे साथ चल सकती हूँ.”

“थैंक्स, जेनी. कल पैसे ले आऊंगी तब तेरे साथ चलूंगी.”

“पैसों की चिता मत कर, मेरे पास डेबिट कार्ड है, यहाँ कैश कम ही रखा जाता है. सारे पेमेंट्स कार्ड से करते हैं. पैसे कल दे देना. अगर कल फिर स्नो फाल हुआ तो तुझे यहाँ आने में मुश्किल होगी.”जेनी ने प्यार से कहा.’

जूतों की दूकान पर तरह-तरह के जूते, चप्पलों के साथ स्नो बूट्स सजे हुए थे. मानसी ने सबसे कम दाम वाले बूट्स पसंद किए थे. अपनी आर्थिक स्थति वह जानती थी. अब उसे दूसरी सुबह का इंतज़ार था जब वह अपने बूट्स पहिन कर जाएगी. दूसरे दो-चार दिन स्नो-फाल न होने से मानसी निराश ही रही.

फिर जिस दिन स्नो फाल हुआ मानसी उत्साह से अपने बूट्स पहिन कर कॉलेज गई. बर्फ पर चलना बहुत आसान लग रहा था. उसके मन में अचानक ही ख्याल आया जेम्स उसके बूट्स पर कोई रिमार्क ज़रूर देगा, पर जेम्स अभी पहुंचा ही नहीं था. शायद मानसी कुछ निराश ही हुई थी. उस दिन के जेम्स के अपमानजनक शब्दों की जगह शायद आज कुछ अच्छा सुनने की इच्छा मन में रही होगी.

पास के कॉलेज में एक कम्प्यूटर-विशेषज्ञ का लेक्चर था, उसमें मानसी के विभाग को भी आमंत्रित किया गया था. नियत दिन पर सबको बस से जाना था. मानसी उनका लेक्चर सुनने के लिए बहुत उत्सुक थी. विशेषज्ञ को अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए बहुत से पुरस्कार मिले थे. नियत समय पर विभाग के सारे स्टूडेंट्स बस की प्रतीक्षा कर रहे थे, तभी जेम्स अपनी लाल लेक्सस कार में आ पहुंचा. उसके साथ सामने वाली सीट पर शान से मारिया बैठी थी. जेम्स ने लड़कियों को आवाज़ दी-

“हाय, ब्यूटीफुल गर्ल्स आइए और मेरी कार की शोभा बढाइए.” दो-तीन लड़कियों के साथ जेनी ने मानसी का हाथ खींचते हुए आगे बढना चाहा. मानसी हिचकिचा रही थी, पर जेनी उसे खींच रही थी.

“हाय जेनी डियर, आई सेड ब्यूटीफुल गर्ल्स ओनली. अपने साथ जिसे ला रही हो, उससे मेरी कार की शान में धब्बा लग जाएगा. सौरी तुम चाहो तो अकेली आ सकती हो.”

‘तो हेल विद यूं, एंड योर कार. हम बस से आएँगे.” गुस्से से जवाब देती जेनी मानसी के साथ बस की और चल दी.

“जेनी, तू कार में चली जाती. मेरी वजह से - - -“

“ठीक कह रही है तेरी वजह से उस घमंडी की बातें सुनने से बच गई. देख लेना एक दिन इसे अपने घमंड की सज़ा ज़रूर मिलेगी. मानसी की बात काट कर जेनी ने गुस्से से कहा.

विशेषज्ञ के सारगर्भित लेक्चर ने मानसी का तनाव दूर दिया. मानसी ने प्रश्नोत्तर सेशन में जो सवाल पूछे, उनकी विशेषज्ञ ने बहुत प्रशंसा की और मानसी के उज्ज्वळ भविष्य के प्रति विश्वास प्रकट किया. लौटते समय बस में भी साइमन, हेनरी, रॉबिन और दूसरे साथियों ने मानसी को बधाई दी.

“हमें तो पता ही नहीं था हमारे साथ मानसी नाम की एक जीनियस लड़की पढती है.” रॉबिन ने कहा.

“मुझे तो मानसी के प्रश्न तक समझ में नहीं आए. इसी लिए एक्सपर्ट ने कहा, मानसी का फ्यूचर बहुत ब्राईट है.”हेनरी ने स्वीकार किया.


“मानसी इसी बात पर कल क्लास के बाद ट्रीट हो जाए.” साइमन ने कहा.

“मानसी की ओर से ट्रीट मै दूंगी. मुझे खुशी है, मै एक जीनियस की फ्रेंड हूँ. जेनी ने जोश से कहा. असल में वह मानसी की आर्थिक स्थिति जान चुकी थी.”

“थैंक्स,जेनी, यह मेरा भी सौभाग्य है कि मुझे तुम जैसी दोस्त मिली.:मानसी जेनी की आभारी थी.

दुसरे दिन जब मानसी क्लास के लिए पहुंची तो देखा सब साथी तनाव में थे. सबके चेहरों पर चिंता थी. जेनी मानसी का हाथ पकड कर एक ओर ले गई.

“जानती है, कल रात जेम्स का एक्सीडेंट हो गया. तेज़ स्पीड में कार चला रहा था, कार पेवमेंट से टकरा कर उलट गई. जेम्स सीरियस है. उसका बहुत खून बह गया है. मुझे लग रहा है, कल ही मै ने कहा था उसे अपने घमंड की सज़ा मिलेगी. आज अपने कहे हुए पर बहुत दुःख हो रहा है.”जेनी तनाव में थी.

“नहीं जेनी, किसी के कहने से कुछ नहीं होता. तू अपने को दोष मत दे. तेज़ स्पीड में कार चलाना ठीक नहीं होता, उस पर कंट्रोल नहीं रह पाता. जेम्स किस हॉस्पिटल में है?”

“जीजस-मेरी हॉस्पिटल में है. प्रॉब्लेम यह है कि उसका ब्लड ग्रुप बी-नेगेटिव है.यह ग्रुप बहुत रेयर होता है, जेम्स को काफी ब्लड की ज़रुरत है. कॉलेज में ब्लड डोनेट करने के लिए अपील की गई है.”

“जेनी, मुझे जल्दी हॉस्पिटल जाना है, मेरा ब्लड-ग्रुप बी- नेगेटिव है. मेरा ब्लड जेम्स के काम आ सकता है.”मानसी की आवाज़ में व्याकुलता थी.

“क्या तू उस जेम्स के लिए ब्लड डोनेट करेगी? भूल गई वो तेरी कितनी इंसळ्ट करता रहा है?”

“ये वक्त वो सब बातें याद करने का नहीं है, इंसानियत के नाते मुझे किसी की जान बचानी है. मुझे हॉस्पिटल ले चलेगी, जेनी प्लीज़.

जेनी के साथ पहुंची मानसी ने डॉक्टर को बताया कि उसका ब्लड-ग्रुप बी-नेगेटिव है और वह ब्लड डोनेट करने को तैयार है. वह बालिग़ है अत: ऐसे निर्णय वह स्वयं ले सकती है. मानसी का रक्त-परीक्षण के लिए ले लिया गया. जेम्स के पेरेंट्स मानसी के सर पर हाथ रख कर दुआ देते रहे. मानसी का रक्त जेम्स के लिए सूटेबल पाया गया. मानसी का ब्लड जेम्स को चढाया जाने लगा. ब्लड देने के बाद मानसी ने डॉक्टर से कहा-

“डॉक्टर जब भी मेरा और ब्लड चाहिए मुझे इन्फौर्म कर दीजिएगा. मै पूरी तरह से स्वस्थ हूँ, अगर मेरा रक्त जेम्स को जीवन दे सके सके तो मुझे बहुत खुशी होगी.” मानसी ने सच्चे मन से कहा.

“थैंक यू, तुम एक ब्रेव और बहुत अच्छी लड़की हो. हम और जगह से भी ब्लड के लिए कोशिश कर रहे हैं, पर इस मुश्किल के वक्त तुम्हारा ब्लड बहुत काम आया.” डॉक्टर ने कहा.

“तू सचमुच अद्भुत है, मानू, मुझे तुझ पर गर्व है. मुझे पूरा यकीन है, अब जेम्स ज़रूर ठीक हो जाएगा क्योंकि उसके शरीर में तेरा उदार रक्त पहुँच गया है.”जेनी भावुक हो उठी थी.


उस दिन के बाद से मानसी रोज़ क्लास के बाद जेम्स की स्थिति जानने को हॉस्पिटल जाती थी. दिन बीतने लगे, जेम्स की स्थिति में सुधार बताया जारहा था, पर अभी भी उसे लोगों से मिलने की इजाज़त नहीं थी. आखिर एक दिन जेम्स को आई सी यूं से बाहर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया और लोगों को एक-एक कर के कुछ देर के लिए मिलने की इजाज़त दे दी गई. हलकी मुस्कान के साथ मानसी ने वार्ड में प्रवेश किया.

“अब कैसा महसूस कर रहे हो, जेम्स?”

“एक सवाल मुझे परेशान कर रहा है, तुमने अपना ब्लड मझे क्यों दिया, मानसी? मै इस लायक नहीं था. तुमसे तो नज़रें मिलाने की भी जुर्रत नहीं कर सकता. माफी का हकदार तो हो ही नहीं सकता, फिर भी क्या मुझे माफ़ कर सकोगी?”जेम्स की शर्मिंदा दृष्टि मानसी के चेहरे पर निबद्ध थी.

“ये क्या बातें ले बैठे, जेम्स. तुम्हारे मुंह से ऎसी सीरियस बातें अच्छी नहीं लगतीं. आखिर तुम क्लास के बिंदास हीरो हो. तुम्हारी छेड़खानी ही सब एंज्वाय करते हैं.”मानसी ने परिहास में बात टालनी चाही.

“तुम सचमुच सबसे कितनी अलग हो, मानू . समझ नही पाता कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है, जब से होश आया मॉम से पता लगा तुमने मेरे लिए अपना ब्लड ही नहीं दिया बल्कि उसके बाद भी रोज़ मेरा हाल जानने आती रहीं, क्यों मानू?”

“यह कोई बड़ी बात नही थी, जेम्स. मुसीबत की घड़ी में किसी अजनबी की भी की मदद करना तो हर इंसान का फ़र्ज़ होता फिर तुम तो मेरे साथी हो.”स्नेह से मानसी ने कहा.

.अपने बर्ताव की सोच कर अपने ऊपर शर्म आती है. एक ओर मै जिसने तुम्हारी इन्सल्ट करने में कोई मौक़ा नहीं छोड़ा और दूसरी ओर तुम जो उस क्रूशल वक्त में गौडेस की तरह आई और मुझे संकट से उबार लिया. डैड और मॉम के लिए तो तुम मदर मेरी का प्रतिरूप ही हो.”जेम्स की आँखों के मुग्ध भाव ने मानसी को संकुचित कर दिया.

“बस अब तुम जल्दी से ठीक हो जाओ, हम सब तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं.”
“क्या तुम भी मेरी एब्सेंस महसूस करती हो, मेरा इंतज़ार कर रही हो मानू? एक सच बताऊँ, मै तुम्हारे पांवों की आहट पहचानने लगा था. मुझे तुम्हारा इंतज़ार रहता था. मेरे लिए यह बिलकुल नई फीलिंग थी, ऐसा क्यों होता था, मानू, क्या तुम बता सकती हो?”जेम्स की सवालिया नज़र मानसी के चहरे पर थी.




“सबमे क्या मै शामिल नहीं हूँ, जेम्स? अब चलती हूँ, आज काफी होम वर्क मिला है. बाय.” जेम्स के सवाल को अनुत्तरित छोड़, वापस जाती मानसी की पीठ पर जेम्स की दृष्टि निबद्ध थी.

वापिस लौटती मानसी सोच में पड़ गई. जेम्स उसका इंतज़ार करता था. जिस दिन आई सी यूं में एडमिट जेम्स को बाहर से देखा था तो वह कितना निरीह और भोले शिशु सा लगा था. हमेशा के दबंग जेम्स को उस स्थिति में देख कर उसके मन में जेम्स के लिए करुणा का ज्वार सा उमड़ आया था. शायद इसी लिए वह रोज़ हॉस्पिटल जाती रही. कई बार उसे ऐसा लगा जैसे उसे देख जेम्स ने मुस्कराने की असफल चेष्टा भी की थी, पर उसने उसे अपना भ्रम ही माना था.पर आज जान पाई वह सच था.

जिस दिन जेम्स छड़ी के सहारे मुस्कुराते हुए क्लास में दाखिल हुआ, सबने खुशी से उसका ज़ोरदार स्वागत किया. साइमन ने आगे बढ़ कर जेम्स से हाथ मिलाया.

“थ्री चियर्स फॉर डियर जेम्स.”हेनरी ने जोर से कहा और सबने तालियाँ बजा कर खुशी ज़ाहिर की

“आज मै तुम सबसे अपनी गलतियों के लिए माफी माँगता हूँ, खासकर उस लड़की का मै गुनहगार हूँ जो आज मेरे मन में एक मामूली लड़की से एक ख़ास लड़की की तरह अपनी जगह बना चुकी है. मानसी से मै ने जाना बुराई के बदले भलाई करना कितना महान काम होता है. मेरी ज़िदगी में एक और लड़की भी थी, जिसे अपनी दोस्त समझता था, मेरे एक्सीडेंट के समय वह अपने नए फ्रेंड के साथ हवाई घूमने चली गई. अच्छा हुआ मेरी आँखों से झूठ का पर्दा हट गया. वादा करता हूँ, अब अच्छाई की राह पर चलने की पूरी कोशिश करूंगा. उम्मीद है मेरे साथी भी मेरा साथ देंगे.”जेम्स ने सच्चाई से कहा.

“श्योर मेरे दोस्त, हम सब तेरे साथ हैं.”साइमन ने कहा.


वो दिन हँसी-खुशी में बीत गया. जेम्स के घर से उसके ठीक होने की खुशी में केक आया था. सबके साथ जेम्स का पीला चेहरा खुशी से चमक रहा था.

अगले दिन मानसी को क्लास में न देख जेनी ताज्जुब में पड़ गई. फोन पर बात करने पर मानसी ने रुंधी आवाज़ में बताया, उसकी माँ बहुत बीमार है. इंडिया में उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है. मानसी को इंडिया जाना होगा, पर वापसी शायद ही हो सके. माँ के पास उसे फिर अमरीका भेजने के लिए पैसे नहीं हैं. अभी तो हॉस्पिटल का ही खर्च उठाना ज़रूरी है. मानसी को आशा थी, उसे स्कॉलरशिप मिल जाएगी, पर अभी तक कुछ नहीं हो सका है. सेमेस्टर एक्जाम का अभी रिज़ल्ट नहीं आ सका है.


दुसरे दिन क्लास में जेनी से मानसी के विषय में सुन कर सब चितित हो गए. कुछ ही दिनों में मानसी सबको अच्छी लगने लगी थी. उसकी बुद्धि और शांत स्वभाव ने सबका दिल जीत लिया था.


‘”जैसे भी हो हमें मानसी की हेल्प करनी चाहिए, उस जैसी ब्रिलिएंट और अच्छी लड़की को हम खो नहीं सकते. हमें उसके भविष्य के लिए कुछ करना होगा” साइमन ने कहा-

“साइमन तेरी बात से मै भी सहमत हूँ, पर इतने पैसे कैसे इकट्ठे करें?”रॉबिन ने कहा.

“हम एक म्यूजिक कॉन्सर्ट का टिकट- शो कर सकते हैं,रिचर्ड ने सुझाव दिया.

“म्यूजिक कॉन्सर्ट के लिए अब टाइम कहाँ है.” हेनरी की बात में सच्चाई थी.

“तुम सबको परेशान होने की ज़रुरत नहीं है, मेरे डैड खुशी से मानसी का इंडिया के लिए रिटर्न टिकट अरेंज कर देंगे. अगर ज़रूरी हुआ तो बाद में हम कोई शो या दूसरा काम कर के डैड के पैसे लौटा सकते है, पर शायद उसकी ज़रुरत न हो.”जेम्स ने कहा.

“थैंक्स, जेम्स, पर मानसी जैसी स्वाभिमानी लड़की तुम्हारा प्रस्ताव मंजूर नहीं करेगी.”जेनी ने कहा.

“मै कोशिश कर के देखता हूँ.” जेम्स के चेहरे पर गंभीरता थी.

जेम्स को अपने घर आया देख, मानसी विस्मित थी. मानसी के चेहरे पर उदासी झलक रही थी.

“जेम्स, तुम यहाँ कैसे, क्या कुछ काम है?.”

“डैड ने तुम्हारे लिए यह पैकेट भेजा है.”

“इसमें क्या है, जेम्स?”

‘”खोल कर देख लो, मुझे भी नहीं पता.’

लिफाफा खोलने पर इंडिया के रिटर्न टिकट के साथ एक बड़ी धनराशि का चेक था.

“ये क्या है, जेम्स, मै इसे स्वीकार नहीं क्र सकती. मै ने चाचा जी से टिकट अरेंज करने को कहा है.”

“चाचाजी शायद मुश्किल से एक तरफ का टिकट दे सकें, फिर तुम वापिस कैसे आओगी, मानू?”

“शायद मेरी किस्मत में यही लिखा था.”मानसी की आँखें भर आईं.

“यकीन नहीं होता मानसी जैसी लड़की इतनी कमज़ोर होगी,. तुम्हारी बातों से लगता था, तुम अपनी किस्मत खुद लिखोगी. तुम किसी भी परिस्थिति से हार नहीं मान सकतीं. अब मेरी बात मानो, इंडिया जाओ और फिर माँ के ठीक होने पर लौटने की बात सोचो.”जेम्स ने जोर दे कर कहा.

“किस अधिकार से तुम्हारा ये एहसान ले सकती हूँ, जेम्स? कहीं तुम मेंरा एहसान मान कर उसे चुकाना तो नही चाह रहे हो, पर ये बिलकुल गलत बात होगी.”कुछ सोचती मानसी बोली.

“एक दिन अपना अधिकार ज़रूर जान जाओगी, मानू. रहा तुम्हारा एहसान, वो तो मेरे ब्लड में बह रहा है, उससे तो अब छुटकारा पा नहीं सकता. अब बस इतना ही कहूंगा, तुम इसे क़र्ज़ ही समझ कर स्वीकार कर लो. डैड ने कहा है, तुम अपनी माँ का इलाज इंडिया के बेस्ट हॉस्पिटल में कराना तभी उन्हें संतोष होगा. वह खुद आते, पर आज यहाँ नहीं हैं.”जेम्स ने बड़ी गंभीरता से अपनी बात कही.

“पता नहीं माँ कैसी हैं, अगर वो जल्दी ठीक नहीं हुईं तो कैसे वापिस आऊंगी, जेम्स? तुम्हारा क़र्ज़ कैसे चुका पाऊंगी?”मानसी परेशान थी.

“परेशान मत हो, मेरे लिए तुम्हें वापिस तो आना ही होगा, मानू. अगर तुम नहीं आईं तो मै खुद इंडिया से तुम्हे वापिस खींच लाऊंगा. अपनी कर्जदार को ऐसे ही तो नहीं छोड़ दूंगा.”शरारत से जेम्स ने कहा.

पता नहीं ये ठीक है या नहीं, दुविधा में मानसी मौन थी.

किस सोच में पड़ गईं मानू, तुम जैसी इतनी इंटेलिजेंट लड़की क्या इतना भी नहीं समझ सकीं कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ और प्यार में कुछ भी करना संभव है.”

“नहीं जेम्स तुम शायद अभी मेरे प्रति आभार मान रहे हो और इसे अपना प्यार समझ रहे हो, पर प्यार बिलकुल अलग चीज़ होती है. मुझे लगता तुम अभी अपने मन को ठीक से समझ नहीं पा रहे हो”

“मानसी ने गंभीरता से कहा.”

“अपने आप को और अपने मन को अभी ही तो समझ सका हूँ ,मानसी, मुझे अपने पर पूरा यकीन है, जो सोच रहा हूँ, वो गलत नहीं है.”

“अगर मै कहूं कि मुझे तुमसे प्यार नही, सहानुभूति है, तब तो यकीन करोगे. प्यार एकतरफा नहीं हो सकता, जेम्स. अपनी परिस्थितियों में मुझे किसी से भी प्यार करने का अधिकार नहीं है. जिस उद्देश्य से यहाँ आई हूँ, उसे पूरा करना ही मेरा लक्ष्य है.”.मानसी उदास थी.

“मुझे पूरा यकीन है, मेरा सच्चा प्यार तुम्हें मुझसे प्यार करने को मजबूर कर देगा. मैं तुम्हारी हाँ का पूरी उम्र इंतज़ार कर सकताहूं.” जेम्स ने दृढ़ता से कहा.

“प्लीज़ जेम्स, ऎसी बातें मत करो, नहीं जानती कल क्या होने वाला है.”

“कल फ्लाइट के लिए टाइम पर तैयार रहना है. तुम्हें एयरपोर्ट छोड़ने आऊंगा, नहीं डरो मत, कार मै नहीं ड्राइवर ड्राइव करेगा. वैसे भी तुमसे वादा किया है कभी तेज़ स्पीड में ड्राइव नहीं करूंगा. कहीं फिर एक्सीडेंट कर बैठा तब तो तुम गुस्से से ब्लड भी नहीं दोगी.”जेम्स ने मज़ाक किया.

“छि:, कैसी बात करते हो, इतनी तकलीफ झेल कर सबक नहीं सीखा.”मानसी ने मीठी झिडकी दी.

दूसरे दिन मानसी को छोड़ने एयरपोर्ट पर जेनी के साथ कई साथी थे. जेनी ने चहकते हुए कहा-

“मानसी तेरे लिए एक खुशखबरी है, तूने सेमेस्टर में टॉप किया है, दूसरी अच्छी खबर जेम्स की पॉकेट में है. शायद तुझे अकेले में देना चाहता है, क्यों जेम्स ठीक कह रही हूँ न?”

“मानसी, तुम्हे स्कॉलरशिप मिल गई है. जिस दिन से तुमने कॉलेज ज्वाइन किया है, उसी दिन से फाइनेंशियल ग्रांट मिली है. इकट्ठे पैसे मिलने की वजह से अब तो तुम काफी पैसे वाली हो गई हो.” हंसते हुए जेम्स ने ऑफीशियल लेटर मानसी को थमाया..

“सच, तुम सबको थैंक्स, अब कह सकती हूँ, मेरे और मेरे पापा के सपने ज़रूर पूरे होंगे. इस लड़की मानसी को अमरीका सचमुच वंडर लैंड सिद्ध हुआ. तुमने मुझे ठीक नाम दिया था, साइमन”. खुशी से मानसी ने कहा.


“इसका मतलब तुम जानती थीं, हम तुम्हें ‘गर्ल इन वंडर लैंड” कहते थे.”

“हाँ और ये भी जानती हूँ, जेम्स मुझे ब्लैक कैट यानी काली बिल्ली कहता था, पर वह ये नहीं जानता, मुझे बिल्लियों से कितना प्यार है. मेरे पास घर में एक प्यारी सी काली बिल्ली है.”हंसते हुए मानसी ने कहा.

“तो एक सच और भी जान लो, जेम्स को भी काली बिल्ली अच्छी लगने लगी है, यानी उसे ब्लैक कैट से प्यार हो गया है, क्यों जेम्स गलत तो नहीं कह रही हूँ?”जेनी ने शैतानी से कहा.

“धत्त’, जो जी में आता है बोल देती है.” कहती मानसी का चेहरा अबीरी हो गया.


“हाँ अब मुझे ब्लैक कैट बहुत अच्छी लगती है. तुम सच कह रही हो, जेनी.”मानसी पर प्यार भरी नज़र डालते जेम्स ने कहा.

फ्लाइट का अनाउन्समेंट हो रहा था. जेम्स के हाथों से लाल गुलाब लेती मानसी सबकी शुभ कामनाओं के साथ सिक्योरिटी चेक के लिए चल दी. अब उसकी आँखों में इस वंडर लैंड में वापसी के निश्चय की चमक थी.

2 comments:

  1. Good story
    But
    I am waiting for the next part of this story

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  2. अच्छी लगी कहानी पुष्पा जी,और एक लड़की का इतना जीवट से कठिनाइयों से उबरने का प्रयास बहुत संतोष दे गया .
    बधाई !

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