6/8/14

वो हादसा नहीं था


'रबिश, सिंपली रबिश। हिंदुस्तानी औरत सात जनम तक एक ही आदमी को पति-रूप में चाहती है, कैसे बिलीव करूँ?''

'यही सच है, सारा। जानती है पति के नाम पर जो व्रत किया जाता है, उसमें एक बूंद पानी तक लेना निषिद्ध है।'

'तू भी अपने गौतम के लिए ऐसा ही व्रत रखेगी, तनु? मेरा मतलब सात जन्मों तक गौतम की ही कामना करेगी?' विस्मित सारा की नीली आँखें, तनु पर निबद्ध थीं।

'हाँ, इसमें आश्चर्य की क्या बात है, सारा? हमारे देश में सभी औरतों एक ही पति की जन्मों तक कामना करती हैं।'

'तू आश्चर्य की बात करती है, मेरे लिए तो यह दुनिया का नौवाँ आश्चर्य होगा, तनु। सच कह, एक पुरुष के साथ रहते जी नहीं ऊब जाता?'

'छि:, कैसे बातें करती है, सारा। भला पति से जी ऊब सकता है?'

'ऑफकोर्स, दिस इज बट नेचुरल। एक तरह का खाना क्या रोज खाया जा सकता है?' सारा ने तनु के गहरी नजर से देखा।

'कमाल करती है, क्या पति और खाना एक सिक्के के दो पहलू हो सकते हैं? दोनों की तुलना कैसे की जा सकती है।' सारा की बातें तनु के लिए पहले थीं।

'देख तनु, बदलाव ही जिंदगी है, फिर सेक्स में चेंज न हो तो क्या मजा?' सारा शैतानी से हँस दी।

'रहने दे, तेरी बातें सुनना भी पाप है सारा।' तनु ने हाथों से कान बंद कर लिए।

'ठीक है, नहीं करूँगी ऐसी बातें, पर पूरे दो साल क्या यूँ ही वैरागिनी बनी रहेगी, तनु? तेरा शरीर, क्या कुछ नहीं माँगेगा?'

'हमारे देश में शरीर की भूख को नीची निगाह से देखा जाता है। सेक्स की बात करना भी पाप समझा जाता है, सारा।'

'कम ऑन, तनु! क्या यही बात हिंदुस्तानी मरदों पर भी लागू होती है?'

'हाँ, अच्छे मरद कभी बीवी को धोखा नहीं देते।'

'अच्छे मरद? हिंदुस्तान में कितने परसेंट अच्छे मरद होते हैं, तनु?'

'इस सबजेक्ट पर मैंने रिसर्च नहीं की है।' कुछ चिढ़कर तनु ने जवाब दिया।

'तब एन्वॉयरोमेंट पर रिसर्च छोड़कर हिंदुस्तानी मरदों पर रिसर्च कर डाला। ऐसी-ऐसी बातें खोज निकालेगी जिनके बारे में गुमान भी न हो।'

'अच्छा रहती अमरीका में है और हिंदुस्तानी मरदों के बारे में जानकरी का दावा करती है।' तनु ने परिहास किया।

'क्यों, क्या तेरे हमवतन मरदों ने अमरीका में भीड़ नहीं लगा रखी है। नस-नस से वाकिफ हूँ, उनकी।' सारा कुछ गंभीर सी हो गई।

'एक कड़वी बात सुन सकती है? क्या यह सच नहीं, अमरीकी लड़कियाँ हिंदुस्तानी हसबैंड इसीलिए खोजती हैं ताकि वे जिंदगी भर उनके पल्लू से बँधे रहें।'

'ठीक कहती है, तनु! एक पत्नीव्रत पति की कल्पना बहुत अच्छी लगी, इसीलिए वैसी गलती कर बैठी।'

'कैसी गलती, सारा?' तनु विस्मित थी।

'आज नहीं, फिर कभी! बहुत रात हो गई। सुबह डेजार्टेशन के लिए जल्दी जाना है। गुड नाइट, तनु।'

सारा अचानक उठकर अपने कमरे में चली गई। पिछले पाँच महीनों से तनु, सारा के साथ अपार्टमेंट शेयर कर रही है। इंडिया से एम. एस. सी., एन्वॉयरोमेंटल सांइस में टॉप रके तनु को यू. एस. ए. में रिसर्च-वर्क के लिए आसानी से स्कॉलरशिप मिल गई। अमरीका जाने में एक साल पहले हुई शादी आड़े आ रही थी। एक मामूली सरकारी अधिकारी गौतम को पत्नी का अमरीका जाना भले ही नापसंद रहा हो, पर तनु को मिलनेवाले डालर्स से घर की कई समस्याओं का समाधान जरूर संभव था। वैसे भी तनु ने तर्क दिया था, उस इतनी छात्रवृति तो मिल ही जाएगी जिसमें गौतम साल भर बाद तनु के पास अमरीका जा सके। बड़े प्यार से समझाया था—

'तुम्हीं सोचो गौतम, हमे मिलने की कितनी आतुरता रहा करेगी। कुछ महीनों के अंतराल पर मिलना कितना अच्छा लगा करेगा।'

'हाँ-हाँ, जैसे मैं तो यहाँ बेकार बैठा हूँ, तुम्हारे बुलावे पर भागा जाऊँगा।' गौतम ने तीखा जवाब दिया।

'देखो बस दो-तीन वर्षों की ही तो बात है। समय बीतते देर थोड़ी लगती है। कल्पना करो, हमारी शादी दो बरस बाद होनी है अैर इस बीच हमारी ये डेटिंग चल रही है।' मुस्कराकर तनु ने मनाना चाहा।

'वाह! क्या बात कही है। अमरीका अभी पहुँची नहीं, पर डेटिंग पर पहुँच गई। याद रखो, भारतीय पत्नी के मुँह से डेटिंग का शब्द अच्छा नहीं लगता। हाँ अमरीका जाकर यह मत भूल जाना, तुम विवाहिता स्त्री हो।' गौतम के शब्दों में चेतावनी बज उठी।

'कैसे भूल सकती हूँ, मेरे जीवन में गौतम जो है।' वातावरण सहज बनाने के लिए तनु ने गौतम के गले में प्यार से बाँहे डाल दीं।

'देखो, इस तरह का छिछोरापन मुझे पसंद नहीं। अमरीका तुम्हारी जिद की वजह से भेज रहा हूँ, वर्ना जवान औरत का अकेले जाना क्या ठीक है? तुम्हें बहुत संहल कर रहना होग, समझ गईं न?'

'जी! खिसियाई तनु बस इतना ही कह सकी। गौतम की नीरसता कभी तनु को खल जाती। घर के बड़े बेटे के रूप में गौतम पर पारिवारिक दायित्व जरूर थे, पर पत्नी के साथ दो मीठे बोल बोलने से क्या कमी आ जाती? तनु स्वयं ही जस्टीफाई करती, शुरू से बड़प्पन और गंभीरता का बाना ओढ़े, गौतम अपनी चंचलता और मिठास भुला बैठे हैं। शायद दोनों के बीच अमरीका की दूरी, उन्हें पास ला सके।'

अमरीका पहुँची तनु के सब कुछ नया-नया सा लग था। शुरू-शुरू में लोगों का स्वच्छद व्यवहार, उंमुक्त प्रेम-प्रदर्शन अजीब सा लगा, पर कुछ दिनों बाद वो सब देखने की आदत सी बन गई। यूनीवॢसटी को स्कूल कहना भी अटपटा लगा, पर पीठ पर बैग टाँगे हुए स्टूडेंट्स देख, स्कूल कहना ही ज्यादा ठीक लगा।

स्कूल में ही सारा से तनु का परिचय हुआ था। सारा के पास अपनी माँ से मिला एक घर था। सारा को टूटी-फूटी हिंदी बोलते देख, तनु चौंक गई। सारा ने ही बताया, अपनी इंडियन-फ्रेंड्स के साथ उसने हिंदी सीखी है। पेइंग-गेस्ट के रूप में उसे सारा जैसी लड़की की ही तलाश थी।

'वैसे तो कई अमेरिकन स्टूडेंट्स पइंग-गेस्ट की तरह आने को उत्सुक हैं, पर मैं नहीं चाहती मेरे घर में देर रात तक शोर-शराबा होता रहे। उम्मीद है तुम्हारे साथ ऐसी कोई परेशानी नहीं होगी।'

'मेरे पति के आने पर तो तुम्हें आपत्ति नहीं होगी, सारा?' तनु पहले ही स्थिति स्पष्ट कर देना चाहती थी।

'बशर्ते वह इंडियन हसबैंड की तरह रहें।' सारा ने हँसकर स्वीकृति दे दी।

'गौतम तो टिपिकल ऑर्थोाडोक्स हसबैंड हैं, सारा। उनका कहना है, पत्नी के प्रति प्यार दिखाने की क्या जरूरत है। पति का तो पत्नी पर अधिकार होता ही है।' हँसते हुए तनु, गौतम का सच बता गई।

'इसका मतलब वह तुझे अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहते।'

'हाँ, सीधे-सादे इनसान हैं। कोई बुरी आदत नहीं पाल रखी है।'

'चल तेरी यह खुशफहमी बनी रहे। तेरे लिए दुआ करूँगी।'

सारा के साथ रहती तनु की होम सिकनेस दूर होने लगी। तनु की बनाई इंडियन डिशेज सारा को बहुत अच्छी लगती। सारा के साथ तनु बड़ा सहज महसूस करती। दोनों घंटों दुनिया-जहाँन की बातें करती। आज तक सारा ने कभी पुरुषों को डिसकस नहीं किया था, पर आज सारा की बातों ने तनु को असमंजस में डाल दिया। सारा कौन सी गलती की बात कर रही थी? शायद कभी सारा ही बताए।

क्रिसमस पास आते ही पूरे शहर में उत्साह छा गया। तनु के साथ मिलकर सारा ने पूरा घर सजा डाला। सारा के उत्साह से तनु भी डत्साहित हो उठी। दीवाली पर घर ऐसे ही तो सजाया जाता है। क्रिसमस ट्री पर ढेर सारे उपहार टाँगती सारा का चेहरा चमक रहा था। बड़ा सा केक-बेक करते देख, तनु हँस पड़ी—

'लगता है पूरे शहर को इंवाइट करने का इरादा है।'

'पूरा शहर न सही, पर पूरा डिपार्टमेंट तो आएगा। देखना, केक कम पड़ जाएगा। मेरा बनाया केक खाकर लोग उँगलियाँ चाटते रह जाते हैं।' कुछ गर्व से सारा ने बताया।

'किसकी उँगलियाँ, तेरी या अपनी?' तनु ने मजाक किया।

'अच्छा अब तेरी भी जुबान लंबी हो गई। पहले तो लगता था, बोलना ही नहीं जानती।'

'तेरे साथ का असर है।' तनु हँस पड़ी। दोनों काम में व्यस्त थीं, अचानक सारा ने कहा—

'तनु! आज मुझे अपनी लेमन कलरवाली साड़ी देगी।'

'क्या तू साड़ी पहनेगी? सँहाल पाएगी सारा?' तनु विस्मित थी।

'एक साल तक सिर्फ साडिय़ाँ ही सँहाली, हैं, तनु। यह जरूर है कि अब उनकी धज्जियाँ भी शेष नहीं हैं।' आवाज में कुछ आक्रोश सा उभर आया।

'तू साड़ी पहनती थी, फिर पहनना छोड़ क्यों दिया? अब तो कोई सोच भी नहीं सकता तूने कभी साड़ी पहनी होगी।'

'रहने दे, पुरानी यादें दोहराकर दुख ही तो मिलता है।' सारा के चेहरे पर बदली सी घिर आई।

'तेरी दोस्त हूँ, अपने मन की बात मुझसे नहीं बताएगी, सारा? शायद मुझे बताकर तेरा मन हल्का हो जाए।'

'ठीक कहती है, पर आज उस कहानी को याद करके, अपना क्रिसमस का मूड नहीं बिगाडऩा चाहती, तनु। हाँ, आज तू कौन सी साड़ी पहनेगी?'

'मैं तो आज सलवार-सूट पहननेवाली हूँ। तेरे अमेरिकन दोस्तों के बीच रही ड्रेस ठीक रहेगी।'

'नहीं, तनु। साड़ी तो तेरी पहचान हैं आज अपनी सफेद फूलोंवाली पिंक साड़ी पहन, एकदम पिंकपरी लगेगी।' सारा फिर हँस पड़ी।

शाम को घर बिजली की झालरों से जगमगा उठा। रंग-बिरंगे गिफ्ट-पैकेट्स के साथ क्रिसमस-स्ट्री अनूठा लग रहा था। तनु ने सारा को उपहार में रंगीन काँच की चूडिय़ाँ, और बिंदी के साथ एक ब्रास का फ्लॉवर-वॉज दिया। एक के बाद एक मेहमान आते गए। ढ़ेर सारे उपहारों से सारा लद गई। तनु का परिचय पाता हेनरी, मुग्ध देखता रह गया। हल्की सीटी बजाता कह उठा-फ्लॉलेस कॉम्प्लेक्शन। इन्हें तो किसी ब्यूटी कंटेस्ट में जाना चाहिए।'

तनु के संकोच पर सारा ने हेनरी को मीठी झिड़की दे डाली—

'हेनरी, शी इज ए सिंपल इंडियन लेडी। यू नो, उसको चाहनेवाला इंडियन हसबैंड, उसका वेट कर रहा है। यहाँ तुम्हारी दाल गलनेवाली नहीं है, समझे।'

'यह तो सरासर अन्याय है, सारा! एनी हाउ, जब तक इनके हसबैंड इंडिया में हैं, तब तक तो यह फ्री हैं। कौन वी बी गुड फ्रेंड्स, तनु?'

हेनरी के दोस्ती के लिए बढ़े हाथ को तनु नकार न सकी। उसके बाद पूरी शाम हेनरी, तनु के आगे-पीछे ही घूमता रहा। तनु को डांस नहीं आता, हेनरी ताज्जुब में पड़ गया।

'इतनी अच्छी फिगर के साथ अगर डांस-फ्लोर पर उतर आओ तो लोग दीवाने बन जाएँगे। कम ऑन, आप ही से तुम्हारा डांस-लेसन शुरू करता हूँ। मैं बड़ा अच्छा डांस-टीचर हूँ। आओ।'

तनु के संकोच के बावजूद हेनरी उसे खींचकर ले गया। वन टु, लाइक दिस, थ्री-फोर, स्टेप बताता हेनरी, तनु के निकट आता गया।

'देखा डांस करना कितना सिंपल है। बस मेरे कदमों के साथ कदम मिलाती जाओ। देखना कितनी जल्दी तुम्हें एक्सपर्ट बना दूँगा।'

न जाने किस नशे में तनु, हेनरी के इशारों पर स्टेप्स लेती रही।

'हैप्पी क्रिसमस एँड लाँग लिव अवर फ्रेंडशिप' कहते हेनरी ने तनु के मुँह में केक-पीस देकर, आधा बचा टुकड़ा अपने मुँह में ले लिया।

सुबह दो बजे तक क्रिसमस सेलीब्रेशन चलता रहा। वापस जाते हेनरी ने तनु का हाथ धीमे से दबाकर बड़ी मायूसी से कहा—

'तुम्हें छोड़कर जाने का जी नहीं चाहता, तनु। कल शाम क्या कर रही हो?'

'पता नहीं, सारा के साथ कोई प्रोग्राम बनाऊँगी।'

'दैट मीन्स, तुम फ्री हो। कल से सारा फाइव डेज के लिए जॉनसन के साथ बिजी रहेगी। तुम्हें पिकअप करने छह बजे आ जाऊँगा। डिनर हम बाहर ही लेंगे।'

'लेकिन मैं इस तरह नहीं जा सकती, अगर...।'

'नो इफ्स एंड बट्स। तैयार रहना, मैं आ रहा हूँ। ये दिन घर में अकेले बैठने के लिए नहीं होते, तनु। ओ.के. बाय, कल मिलते हैं।'

तनु को आगे कुछ भी कहने का मौका दिए बिना, हेनरी चला गया।

सचमुच हेनरी की इंफर्मेशन ठीक थी। सुबह-सुबह सामान पैक कर सारा ने बताया—

'पाँच दिनों के लिए जॉनसन के साथ लास वेगस जा रही हूँ। घबराओ नहीं, हम दोनों बस अच्छे फ्रेंड्स हैं। हाँ, मेरी एबसेंस में हेनरी तुम्हारी केयर अच्छी तरह कर लेगा।' शैतानी से 'बाय' कह, सारा चली गई।

ठीक छह बजे हेनरी आ पहुँचा। काले सूट में उसका आकर्षक व्यक्तित्व और भी प्रभावशाली लग रहा था। रॉयल ब्लू साड़ी-ब्लाउज के साथ नीले मोतियों का सेट पहने, तनु का ऊपर से नीचे देखते हेनरी के ओंस गोल हो गए—

'लवली! आज तो सबकी आँखों बस तुम पर ही टिकी रहेंगी और तुम्हारे लकी कंपेनियन के रूप में लोग मुझसे जेलस फील करेंगे।'

तनु लजा गई। वह सुंदर है, इसका उसे भान था, पर गौतम ने कभी उसके सौंदर्य को ऐसे नहीं सराहा। तनु के लाजभरे चेहरे पर हेनरी मुग्ध था। अचानक हाथ बढ़ा तनु को अपने पास खींच हेनरी ने उसके माथे पर चुंबन जड़ दिया। तनु सिहर उठी—

'नहीं...प्लीज...तनु की जुबान लडख़ड़ा गई।'

'व्हाट इज रॉग? क्या मैंने कोई गलती की है, तनु? आयम सॉरी, मैं तुम्हें हर्ट नहीं करना चाहता था।'

'हमारे देश में सिर्फ पति को ही अपनी पत्नी को किस करने का अधिकार होता है।'

'दिस इज नॉट फेयर। एक सुंदर चीज को टच करने का सिर्फ एक ही इनसान को हक हो, ये तो गलत बात है। ब्यूटी तो सबके इन्ज्वॉयमेंट की चीज होती है। एनी हाउ, चलो, चलें।'

जगमगाते रेस्ट्रॉ में मस्ती का आलम था। सारा ने बताया था, क्रिसमस से न्यू इअर ईव तक त्योहार का माहौल रहता हैं एक ओर लाल बिकनी जैसा वस्त्र पहने एक डांसर डांस कर रही थी। कुछ लोग हाथ में ड्रिंक्स लिए उसके आसपास मतवाले हो, झूम रहे थे। दो ड्रिंक्स के ऑर्डर पर तनु चौंक गई।

'सॉरी, मैं ड्रिंक्स नहीं लेती। पेप्सी या कोक ही लेती हूँ।' मासूमियत से तनु ने बताया। तनु की मासूमियत पर हेनरी ठठाकर हँस पड़ा—

'तुम सचमुच बच्ची हो। देखो जिंदगी में हर चीज का मजा लेना चाहिए। आई प्रॉमिस न मैं होश खोऊँगा, न तुम्हें खोने दूँगा।'

'नहीं...नहीं, प्लीज एम्सक्यूज मी।'

कम ऑन बेबी। जरा नजर उठाकर देखो, कम उम्र की लड़कियाँ और औरतें, सभी यहाँ एन्ज्वॉय कर रही है। क्या वो नशे में लडख़ड़ा रही हैं। यहाँ की ठंडी क्लाइमेट में शराब की जरूरत है। मेरी खातिर प्लीज, एक घूँट ट्राई करके देखो।

'मैंने कभी शराब ट्राई नहीं की, प्लीज हेनरी, मुझे फोर्स मत करो।'

'ओ.के.नो प्रॉब्लेम, पर शैंपेन तो शराब नहीं होती। क्रिसमस-ईव पर जो ड्रिंक तुमने लिया था वो शैंपेन थी। चलो आज तुम्हारे नाम पर व्हिसकी की जगह मैं भी शैंपेन ही लेता हूँ, पर तुम्हें साथ देना होगा। प्लीज तनु, फॉर गॉड सेक, डोंट स्पॉइल दिस ब्यूटीफुल ईवनिंग।'

'ठीक है, पर मैं बस एक घूँट ही लूँगी।' तनु ने हथियार डाल दिए। उस माहौल ने उसकी सोचने-समझने की शक्ति जैसे छीन सी ली थी।

'दैट्स लाइक ए गुड गर्ल।'

मनुहार करते हेनरी ने एक घूँट की जगह कई घूँट शैंपेन, तनु के गले से नीचेा उतरवा दी। डांस-फ्लोर पर नाचते जोड़ों के साथ हेनरी, तनु को भी खींच ले गया। तनु की कमर में हाथ डाले हेनरी धीमे-धीमे तनु के कान के पास, उसके सौंदर्य को सराहता, मीठी-मीठी बातें कर रहा था। तनु जैसे सपने में जी रही थी। यह नशीला अनुभव तनु जेसे सपने में जी रही थी। यह नशीला अनुभव तनु के लिए सर्वथा नया था।

रात के एक बजे तनु को घर छोड़ते हेनरी ने उसके गाल पर चुंबन कर, फिर तनु को झकझोर दिया—

'नो-नो, प्लीज, हेनरी, यह ठीक नहीं है...'

'इस वक्त ठीक और गलत मत सोचो, बेबी। थैंक्स फॉर ए वंडरफुल ईवनिंग एडं गुडनाइट।'

तनु को स्तब्ध छोड़, हेनरी कार स्टार्ट कर चला गया।

आश्चर्य की बात, अपराध-बोध की जगह तनु को हेनरी की मीठी-मीठी बातें याद आती रही। मन बेकाबू पतंग सा उड़ा जा रहा था। सुबह होते ही हेनरी का फोन आ गया—

'तैयार हो जाओ, हनी। आज हम सी-बीच चलेंगे। एक घंटे में पहुँच रहा हूँ।'

'नहीं, हेनरी, आज घर पर ही रहना चाहाती हूँ। प्लीज एक्सक्यूज मी।' लगाम तुड़ाने को बेताब घोड़े की तरह, मन बंधन मानने को स्वीकार नहीं था, पर तनु असफल प्रयास कर रही थी। रोम-रोम हेनरी का सानिन्ध्य पाने को आतुर हो रहा था, क्यों? तनु परेशान थी।

'नो एक्सक्यूजेस। मैंने मूड बना लिया, तुम्हें साथ देना ही होगा। ब्रेकफास्ट तुम्हारे साथ ही लूँगा, हाँ स्विमिंग कॉस्ट्यूम रखना मत भूल जाना।'

'जिसे तैरना ही नहीं आता, उससे स्विमिंग कॉस्ट्यूम रखने की बात कर रहे हो। सॉरी, तुम्हारी यह डिमांड पूरी नहीं कर सकतीं।' तनु खिलखला उठी।

'नहीं आती तो मैं सिखा दूँगा। गेट रेडी। तुम्हारी स्विमिंग कॉस्ट्यूम मैं ला रहा हूँ। ओ. के. बाय।' तनु के जवाब की प्रतीक्षा किए बिना हेनरी ने फोन काट दिया।

सी-बीच पर उन्मुक्त प्रेमी-जोड़ों को देखती तनु संकुचित हो उठी। हेनरी ने स्विमिंग कॉस्ट्यूम तनु को थमा, चेंज करने की जगह दिखा दी। तनु के सकोच पर हेनरी हँस पड़ा

'कम ऑन तनु, डोंट बिहेव लाइक ए चाइल्ड। इस कॉस्ट्यूम पर मैंने बेकार ही पैसे बर्बाद नहीं किए हैं। यहाँ के जीवन में स्विमिंग सिर्फ इंटरटनमेंट ही नहीं, जरूरत भी है। एक बार न लहरों पर विजय पा लोगी तो न इस कॉस्ट्यूम को पहनने की हिचक शेष रहेगी न डर।'

तनु के मौन को हेनरी ने फिर कुरेदा—

'यहाँ संकोच का दामन पकड़ा तो जिंदगी में आगे कैसे बढ़ पाओगी, तनु? एक बात और, न पहचाने जाने का बड़ा भारी सुख होता है। यहाँ कोई किसी को नहीं पहचानता। कम ऑन तुम्हारा ये इंस्ट्रक्टर और ज्यादा प्रतीक्षा नहीं कर सकता।'

डरती-हिचकती तनु चेंज कर आई। हेनरी के सामने आती तनु का चेहरा लाज से लाल बहूटी बन रहा था। तनु पर प्यार भरी दृष्टि डाल, हेनरी उसे अपने साथ पानी में खींच ले गया। तनु के भीगे बदन का स्पर्श करता, हेनरी उसे तैरना सिखाता रहा। अवश बनी तनु तैरती रही।

तीन चार दिनों में तनु की जैसे दुनिया ही बदल गई। अजीब सी खुमारी में डूबी तनु, अपने आपको भूल गई। गौतम ने तो उससे ऐसी मदहोश कर देनेवाली बातें कभी नहीं की, घर के दायित्वों, खर्चो के समक्ष शायद तनु गौड़ ही रही। सहज प्राप्य पत्नी पर ही तो पति पूरा हक जमा सकता है, वह प्रेमिका तो नहीं, जिसे खो देने का डर हो। नव वर्ष की पूर्व संध्या, वाइन की बोतल के साथ आए हेनरी ने तनु को चौंका दिया। लेट्स सेलीब्रेट न्यू-इअर। हम दोनों आज की यह शाम अविस्मरणीय बनाएँगे, तनु।' शैंपन की बोतल खोल, हेनरी ने तनु को शैंपेन से नहला दिया। फ्रिज से खाना निकाल तनु ने टेबल पर सजा दिया। कैंडल लाइट में घूँट लेते हेनरी की आँखें तनु को पी रही थीं। हेनरी के इसरार पर तनु को शैंपेन लेनी पड़ी थी। सारा के साथ रहती तनु के मन में शैंपेन के प्रति खास दुविधा नहीं रह गई थी। सारा ने ही समझाया था—

'देश के मुताबिक जब पहनावा और बोली स्वीकार करते हैं तो ड्रिंक्स को लेकर इतना विराध क्यों, तनु? सही मात्रा में ली गई हर चीज फायदा ही करती है। अब तो डॉक्टर्स का कहना है, हार्ट-पेशेन्ट्स अगर एक पेग रोज लें तो हार्ट-अटैक पडऩे की संभावना कम हो सकती है।'

हमेशा की तरह हेनरी, तनु की तारीफों के पुल बाँधता रहा। नए साल के उपहार-रूप में लाया नेकलेस, हेनरी ने तनु के गले में खुद पहनाने की इजाजत माँगी। हेनरी की उँगलियों का स्पर्श, तनु को सिहरा-सिहरा गया।

देर रात के बाद तनु ने हेनरी को घर वापस जाने की याद दिलाई थी। दरवाजा खोलते पता लगा, बारह बर्फीला तूफान आया हुआ है। उस तूफान में घर से बाहर निकलना असंभव था। ड्राइंग रूप के सोफे पर हेनरी को ब्लैंकेट देर, तनु अपने बेडरुम में चली गई हेनरी को दूसरी बोतल खोलते देख, तनु ने रोका था—

'नहीं, हेनरी अब और ड्रिंक मत करो। पहले ही काफी ले चुके हो।'

'डरो नहीं, बेबी। आज की रात दुबारा नहीं आएगी। इस रात को पूरी तरह जीने दो।' शैंपेन की खुमारी ने तनु को जल्दी ही नींद के आगोश में ले लिया। इतनी मीठी नींद के लिए शैंपेन को ही क्रेडिट देना ठीक होगा। मदहोश करनेवाले सपनों में विचरती, तनु को अचानक किसी पुरुष-स्पर्श ने जगा सा दिया—

'ऊँहुक। क्या कर रहे हो, प्लीज नहीं...' तनु कुनमुनाई थी।

'ऐसे ही लेटी रहो। मैं तुम्हें बस महसूस करना चाहता हूँ। तनु। डोंट मूव, माई लव।' तनु के कान के पास मुँह लाकर हेनरी, धीमे से बुदबुदाता रहा। कोमल उँगलियाँ शरीर के अंगों को छेड़ती रहीं। एक-एक तार झनझना उठा। वैसी उत्तेजक अनुभूति तनु ने कभी अनुभव नहीं की थी। तनु का हल्का प्रतिरोध, हेनी को नहीं रोक सका या शायद हेनरी के उस स्पर्श को तनु नहीं नकार सकी।

सुबह के उजाले ने तनु को पूरी तरह जगा दिया। यह क्या हो गया? इतनी बड़ी गलती वह कैसे कर बैठी। मस्ती भरी नींद में सो रहे हेनरी को झकझोर कर उठाती, तनु के आँसू बहे जा रहे थे। हेनरी को आँखें खोलते देख पागल सी चिल्ला पड़ी—

'यह तुमने क्या कर डाला, हेनरी?'

'व्हॉट इज रांग, बेबी? वी हैड ए वंडरफुल नाइट।' शैतानी से मुस्कराते हेनरी को देख, तनु आपा खो बैठी—

'गेट आउट, और सुनो आज के बाद हम दोनों अजनबी हैं। प्लीज लीव मी आलोन...।' हाथों में मुँह छिपा तनु रो पड़ी।

एक क्षण के असमंजस के बाद कँधे पर कोट टाँग, हेनरी चला गया। कटे पेड़ सी तनु पलंग पर ढ़ह गई। वह यह क्या कर बैठी? गौतम को अब कैसे मुँह दिखा सकेगी? पूरा दिन हाहाकार में बीत गया। शाम होते-होते सारा आ गई। तनु की आँसुओं से सूजी आँखें देखकर चौंक गई।

'क्या हुआ तनु? ऐनी प्राब्लेम, सब ठीक तो है?'

'सब कुछ गलत हो गया। बहुत बड़ी गलती कर बैठी, सारा। पाप किया है, मैंने।' सारा के कँधे पर सिर रख, तनु फूट पड़ी।

टुकड़ों-टुकड़ों में सारी बातें सुन, सारा सोच में पड़ गई। हेनरी के लिए तो सेक्स एक सामान्य बात है, पर तनु जैसी संस्कारी लड़की कैसे बह गई? कुछ क्षण मौन रह, तनु की पीठ पर प्यार-भरा हाथ रख, सारा ने समझाना चाहा—

'देख तनु, तू भी तो आखिर हाड़-मांस की बनी इनसान ही है, न? जिसे तू गलती कह रही है, वह शायद कुछ क्षणों के लिए तेरे शरीर की जरूरत बन गई थी।'

'नहीं सारा, मैंने अक्षम्य अपराध किया है। अपने पति को धोखा दिया है। मुझे प्रायश्चित करना ही होगा। मैंने गौतम के साथ विश्वास घात किया है।' तनु की आँखों से आँसू बह निकले।

'एक बात बता। क्या तू पूरे विश्वास के साथ कह सकती है, तेरे पति भी पिछले छह महीनों से वैरागी की जिंदगी बिता रहे हैं।'

'हाँ, वह कभी ऐसे गलती नहीं कर सकते।' तनु ने विश्वास से कहा।

'याद कर, तूने ही बताया था कॉलेज के दिनों में गौतम किसी लड़की के साथ सीरियसली इन्वॉल्व थे। वो काफी आगे बढ़ चुके थे, न?'

'हाँ, पर शादी के पहले तो ऐसा हो ही सकता है। शादी के बाद उन्होंने उस लड़की को छोड़ दिया है। अब वे दोनों बस अच्छे दोस्त हैं।'

'इस धोखे में मत रह, तनु। एक बात जान ले ज्यादातर पुरुष देवता नहीं होते। अमरीका में कम से कम सेक्स के मामले में पूरा खुलापन और सच्चाई बरती जाती है, पर हिंदुस्तानी मरद तो देवता की खाल ओढ़ भेडि़ए होते हैं।' सारा उत्तेजित हो उठी थी।

'तुम इस तरह की बात किस आधार पर कह सकती हो, सारा। यह सच नहीं है।'

'तो सुन, शायद मेरा सच जानकर, तुझे मेरी बात पर विश्वास हो जाए या तेरी आत्म-ग्लानि कम हो सके।'

'तुम्हारा सच क्या है, सारा?'

'ठीक है, सुनाती हूँ...' कुछ देर चुप रहकर सारा की नजर सामनेवाले घर पर रुक गई—

'पाँच बरस पहले उस सामनेवाले घर में एक इंडियन फैमिली रहा करती थी। इंडिया से गृहस्वामी के भाई का लड़का, मौहित अमरीका में अपना भविष्य बनाने आया था। माँ-बाप ने किसी तरह एयर-टिकट का जुगाड़ कर, मोहित को चाचा के पास भेजा दिया। वे नहीं जानते थे, नौकरी के लिए सॢवस-वीसा होना जरूरी होता है। बिना किसी फाइनेन्शियल एड के यहाँ रहना आसान नहीं।'

'तू ठीक कहती है, सारा। इंडिया में लोग यही समझते हैं, अमरीका में पैसा बरसता है, पर वे नहीं जानते पैसे कमाने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। बेचारा मोहित, फिर उसका क्या हुआ, सारा?'

'जानती है, मोहत का स्वागत कैसे हुआ? पहले ही दिन चाची ने रगड़-रगड़ कर बाथरूम साफ करने के आर्डर दे डाले। माँ-बाप का लाड़ला स्तब्ध रह गया। उसे क्या पता था इस देश में कोई किसी को मुफ्त की रोटी नहीं खिलाता। घर की क्लीनिंग-वाशिंग करते मोहित के सपने टूटने लगे।'

एक दिन मेरे गार्डेन की घास काटने के अनुरोध के साथ मोहित मेरे सामने आ खड़ा हुआ। शायद इस काम से उसकी कुछ आय हो सके। परिचय पूछने पर उसकी आँखों से आँसू बह निकले। गर्म कॉफी पीकर मोहित प्रकृस्थित हो सका। अपनी आप बीती सुनाते रोहित की आँखें बार-बार भर आतीं। एम.ए.पास, उस भोले युवक की स्थिति ने मुझे द्रवित कर दिया। नौकरी दिलाने के आश्वासन ने मोहित की आँखों में चमक ला दी।

'इस अनजान देश में बस आप ही मेरी अपनी है, सारा। आपका एहसान कभी नहीं भलूँगा।'

उस दिन के बाद से सारा की शामें मोहित के साथ बीतने लगीं। मोहित को भोलेपन, उसके सौम्य व्यवहार ने सारा को मुग्ध कर लिया। भारतीय संस्कृति के बारे में बताते मोहित की भारतीय पर, सारा मर मिटी। धीमे-धीमे दोनों निकट आते गए। अमरीकीा उच्छृंखल युवकों की तुलना में गंभीर-शालीन मोहित ने, सारा को मोह लिया। अनजाने ही सारा मोहित से प्यार कर बैठी। मोहित ने ही सारा को एक पत्नीनिष्ठ पति के बारे में जानकारी दी। पति-पत्नी, एक दूसरे के गुण-दोषों को स्वीकार कर, आजीवन साथ निभाते हैं। कैसी भी पत्नी हो, पति पराई स्त्री की ओर आँख उठाकर भी नहीं देखता। भारत की ऐसी अनोखी बातों ने सारा को अभिभूत कर दिया। ऐसे मोहित के साथ शादी करने को सारा पागल हो उठी।

अमरीकी लड़की के साथ विवाह ने मोहित के लिए नौकरी के दरवाजे खोल दिए। मोहन को पाकर सारा बेहद खुश थी। उसका पति सिर्फ उसका है, यह कल्पना ही उसे पुलकित कर जाती। मोहित भी सारा पर जान छिड़कता। सारा के बिना उसका जीवन व्यर्थ था। उन्हीं दिनों सारा ने साड़ी पहनना शुरू कर, मोहित को चमत्कृत कर दिया। सारा का वो अटल विश्वास उस एक पल में तार-तार हो गया। आफिस के काम से चार दिनों के लिए बाहर गई सारा, एक दिन पहले ही वापस आ गई थी। अचानक पहुँच मोहित को चौंका देने के लिए, सारा ने दबे पाँव बेडरुम का दरवाजा खोला था। बेडरुम का दृश्य देख, सारा जड़ बन गई। घर की क्लीानिंग-लेडी के साथ मोहित, पलंग पर था।

बात करती सारा रुक गई। आक्रोश और घृणा ने उसके चेहरे का रंग बदल दिया।

'ओह सारा, इतना बड़ा धोखा खाया तुमने, कैसे सह सकी होगी?'

'हाँ, तनु, उस वक्त पहली बात दिमाग में यही आई ऐसे हिपोक्रेट से अमरीकी पुरुष ज्यादा अच्छे हैं। वे दोहरी जिंदगी तो नहीं जीते। जब महसूस किया एक-दूसरे के साथ निभाव संभव नहीं, अलग हो गए। बस उसी पल मोहित को अपने घर और अपनी जिंदगी से हमेशा के लिए निकाल फेंका।'

'तेरे लिए मुझे दुख है, सारा। फिर भी कहूँगी सब पुरुष एक से नहीं होते। वैसे भी गौतम ने कभी गलती की या नहीं, इस बात से मेरी गलती क्या कम हो जाएगी?'

'ऐसी स्थति में यही ठीक है तू इसी विश्वास में जीती रह कि तेरा गौतम तेरे सिवा कहीं मुँह नहीं मारता और उसके इस यकीन को बना रहने दे कि उसकी पत्नी सच्ची पतिव्रता स्त्री हैं।' सारा के स्वर में कड़वाहट सी घुल आई।

'एक बार की गलती का अर्थ यह तो नहीं कि मैं बेवफा हो गई। इसीलिए तो गौतम के सामने सच्चाई स्वीकार करना जरूरी है।' कुछ आहत तनु ने कहा।

'ठीक है, गौतम को सच्चाई बता दे और तुरंत तलाक के लिए तैयार हो जा। देख, हिंदुस्तानी औरत तो मेरे ख्याल में मूर्ख होती है। वह पति के पाप या गलतियाँ जानते हुए भी मुँह सिए रहती है, पर हिंदुस्तानी मर्द, तेरी जैसी गलती पर पत्नी को क्षमा कर दें, यह तो फिल्मी बात लगती है, तनु।' सारा ने साफ-साफ कह दिया।

'एक बात पूछूँ, तू भी तो औरत थी, मोहित को माफ क्यों नहीं कर सकी, सारा?'

'मैं हिंदुस्तानी नहीं, अमरीकी औरत हूँ, तनु। अन्याय सहना, हमारी फितरत में नहीं। देवता का ढ़ोग करके मोहित मुझे ठगता रहा। एक ऐसा इनसान जो गलती कर ही नहीं सकता। अगर उसने देवत्व का नाटक न किया होता तो शायद उसकी उस भूल को भी क्षमा कर देती, तनु।'

'तुझे कभी मोहित की कमी नहीं खलती?'

'सच तो यह है, मोहित ने भारतीय संस्कृति के बारे में जो कुछ बताया-समझाया, उसने मुझे पूरा बदल दिया था, पर उस दिन के बाद से सब कुछ धो-पोछकर आजाद जिंदगी जी रही हूँ। न किसी से बँधी, न किसी को बाँधने की कोशिश की।' सारा दूर कहीं शून्य में देख रही थी।

'ऐसी जिंदगी अच्छी लगती है, सारा?'

'हाँ, तनु। अब किसी से धोखा न खाने का तो विश्वाास है। जिंदगी में बदलाव लाते रहने से ही जीने का आनंद मिलता है, फिर पुरुष बदलने में क्या हानि है?' सारा के चेहरे पर शैतनी खिल आई।

'छि:, सारा, तू तो मेरी मति ही भ्रष्ट कर देगी।' तनु संकुचित थी।

'देख भारतीय संस्कृति के अनुसार तो तू भ्रष्ट हो चुकी। सच कह, हेनरी कैसा था?' सारा हँस रही थी।

'हेनरी की याद एक दुखद सत्य की तरह मुझे जिंदगी भर खलती रहेगी। तूने तो दूसरे से धोखा खाया पर मैंने तो अपने आप से धोखा खाया। अपने को सजा कैसे दूँ, सारा?'

तनु की आँखें फिर भर आई।

'बहुत झेल चुकी, तनु। अब तसल्ली कर। तेरा दर्द समझती हूँ। इस घटना को एक हादसे की तरह भुलाने में ही भलाई है।'

'काश यह बलात्कार की तरह का हादसा होता, तब ये तो तसल्ली होती, मेरी उसमें रजामंदी तो नहीं थी।' तनु फिर सिसक उठी।

'एक बात समझने की कोशिश कर, जिन पलों को तूने पूरी तरह जिया, वो सुखद पल, पाप कैसे बन गए, तनु?'

'अगर तेरा भारतीय सोच होता तो मेरी तकलीफ समझ पाती। हमारे यहाँ पत्नी अपने पति को सबसे बड़ी सौगात-रूप में अपना कौमार्य अॢपत करती है...।'

'भले ही पति का कौमार्य अक्ष्क्षुण है या नहीं। वैसे तूने तो अपना कौमार्य अपने पति को ही अॢपत किया है तो अब क्या प्रॉब्लेम है। देख तनु, इस तरह सोच-सोचकर, तू अपनी जिंदगी नर्क बना लेगी और सच्चाई जानकर गौतम कैसे रिऐक्ट करेगा, भगवान ही जाने।'

'फिर मैं क्या करूँ, सारा?' भीगी आँखों से तनु ने पूछा।

'बी प्रैक्टिकल। जिंदगी के हजारों एक्सपीरिएंसेज में से यह भी एक अनुभव था।'

'क्या यह संभव हो सकेगा, सारा? अविश्वास से तनु ने पूछा।'

'हाँ, तनु। वक्त सबसे सच्चा दोस्त होता है, वहीं तेरा साथ देगा। कम से कम मेरा अनुभव तो यही कहता है।'




प्यार से तनु का हाथ पकड़ सारा उसे डाइनिंग रूप में ले गई।